नाजिम हिकमत
आशावाद कविताएँ लिखता हूँ मैं वे छप नहीं पातीं लेकिन छपेंगी वे. मैं इंतजार कर रहा हूँ खुश-खैरियत भरे खत का शायद वो उसी दिन पहुँचे जिस दिन मेरी मौत हो लेकिन लाजिम है कि वो आएगा. दुनिया पर सरकारों और पैसे की नहीं बल्कि अवाम की हुकूमत होगी अब से सौ साल बाद ही सही लेकिन ये होगा ज़रूर. (अंग्रेजी से अनुवाद- दिगम्बर)
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
घुटनों के बल बैठा- मैं निहार रहा हूँ धरती, घास, कीट-पतंग, नीले फूलों से लदी छोटी टहनियाँ. तुम बसंत की धरती हो, मेरी प्रिया, मैं तुम्हें निहार रहा हूँ. पीठ के बल लेटा- मैं देख रहा हूँ आकाश, पेड़ की डालियाँ, उड़ान भरते सारस, एक जागृत सपना. तुम बसंत के आकाश की तरह हो, मेरी प्रिया, मैं तुम्हें देख रहा हूँ. रात में जलाता हूँ अलाव- छूता हूँ आग, पानी, पोशाक, चाँदी. तुम सितारों के नीचे जलती आग जैसी हो, मैं तुम्हें छू रहा हूँ. मैं काम करता हूँ जनता के बीच- प्यार करता हूँ जनता से, कार्रवाई से, विचार से, संघर्ष से.
आशावाद कविताएँ लिखता हूँ मैं वे छप नहीं पातीं लेकिन छपेंगी वे. मैं इंतजार कर रहा हूँ खुश-खैरियत भरे खत का शायद वो उसी दिन पहुँचे जिस दिन मेरी मौत हो लेकिन लाजिम है कि वो आएगा. दुनिया पर सरकारों और पैसे की नहीं बल्कि अवाम की हुकूमत होगी अब से सौ साल बाद ही सही लेकिन ये होगा ज़रूर. (अंग्रेजी से अनुवाद- दिगम्बर)
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
घुटनों के बल बैठा- मैं निहार रहा हूँ धरती, घास, कीट-पतंग, नीले फूलों से लदी छोटी टहनियाँ. तुम बसंत की धरती हो, मेरी प्रिया, मैं तुम्हें निहार रहा हूँ. पीठ के बल लेटा- मैं देख रहा हूँ आकाश, पेड़ की डालियाँ, उड़ान भरते सारस, एक जागृत सपना. तुम बसंत के आकाश की तरह हो, मेरी प्रिया, मैं तुम्हें देख रहा हूँ. रात में जलाता हूँ अलाव- छूता हूँ आग, पानी, पोशाक, चाँदी. तुम सितारों के नीचे जलती आग जैसी हो, मैं तुम्हें छू रहा हूँ. मैं काम करता हूँ जनता के बीच- प्यार करता हूँ जनता से, कार्रवाई से, विचार से, संघर्ष से.