Wednesday 23 April 2014

डा० (श्रीमती) तारा सिंह का परिचय


नाम -      डा० (श्रीमती) तारा सिंह
शिक्षा:---    एम०बी०ई०एच०, साहित्य रत्न, पी-एच०डी० (ओरियेन्टल लर्निंग)
जन्मतिथि---  10 अक्टूबर ,1952
अभिरुचिकविता, ग़ज़ल, सिनेमा गीत, कहानी, उपन्यास आदि लेखन ; साहित्यचर्चाऔरसमाजसेवा
संप्रतिसंस्थापक अध्यक्ष स्वर्ग विभा (www.swargvibha.in), कार्यकारी अध्यक्ष, साहित्यिक, सांस्कृतिक, कला संगम   अकादमी, परियावाँ ;
संपर्क१५०२,सी क्वीन हेरिटेज़, प्लाट- ,से०१८, सानपाड़ा, नवी मुम्बई - ४००७०५
दूरभाष -09322991198, 022- 32996316;  09967362087. 08080468596 

email :-  rajivsinghonline@hotmail.com; swargvibha@gmail.com

प्रकाशित पुस्तकें -
    काव्यसंग्रह ---
(१) एक बूँद की प्यासी () सिसक रही दुनिया () हम पानी में भी खोजते रंग () एक पालकी चार कहार () साँझ भी हुई तो कितनी धुँधली () एक दीप जला लेना () रजनी में भी खिली रहूँ किस आस पर () अब तो ठंढी हो चली जीवन की राख () यह जीवन प्रातः समीरण-सा लघु है प्रिये (१०) तम की धार पर डोलती जगती की नौका (११) विषाद  नदी से उठ रही ध्वनि (१२) नदिया-स्नेह बूँद सिकता बनती (१३) यह जग केवल स्वप्न असार (१४) सिमट रही संध्या की लाली (१५) साँझ का सूरज (१६) तिमिरांचला (१७) दूतिका (१८) समर्पिता
(१९) निरूपमा (२०) अंकिता
गज़ल संग्रह –
(१)               नगमें हैं मेरे दिल के (२) खिरमने गुल (३) बर्गे यासमन (४) सैरे गुल (५) सैर-ए-गुलिस्तां (६) सू- 
ए-कमन (७) गुलिस्तान-ए-हयात
    उपन्यास -
(१)               दूसरी औरत
         कहानी संग्रह –
    (१तृषा
 आलेख संग्रह--- 
(१) रम्यतटी
सम्मान  / पुरस्कार / मानदोपाधि :-- 235

1.  साहित्य सेवी सम्मान पुरस्कार (+11000/-),बिहार राष्ट्रभाषा परिषद( मानव संशाधनविकास मंत्रालय, उच्चशिक्षा विभाग, बिहारसरकार), पटना
2.  श्री दीपचन्द जैन पुरस्कार, २०१० (+ 15000/-) (सर्वोच्च सम्मान),राजस्थान रत्नाकर संस्था, दिल्ली
3.  साहित्य महोपाध्याय’, शताब्दी समारोह २०१०, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
4.  भारत नेपाल सद्भावना अवार्ड २०१०’, दी इकोनोमिक ग्रोथ सोसाइटी आफ़ इन्डिया, काठमांडु
5.साहित्यमहामहोपाध्याय, भारतीयसाहित्यकार संसद, समस्तीपुर
6.’साहित्य महोपाध्याय’, सा० सां० कला संगम अकादमी, परियावाँ
7.’राजभाषा महोपाध्याय मानव उपाधि’, राजभाषा किरण संस्थान, मुम्बई
8.’साहित्य भूषण एवार्ड,२०१०’, शिक्षक विकास परिषद, गोवा
9.स्वामी विवेकानन्द अवार्ड, २०११, इंडियन ईन्सटिट्यूट आफ़ ओरियेन्टल हेरि्टेज़, कोलकाता
10.    ''कवि  कुलाचार्य',अखिल भारतीय  साहित्य  संगम , उदयपुर
11.    विद्या सागर ( डी० लिट्०),विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर
12.      विद्या सागर ( डी० लिट्०), विश्व हिन्दी सेवा संस्थान, इलाहाबाद
13.      विद्या सागर ( डी० लिट्०)’,भारतीय साहित्यकार संसद, समस्तीपुर
14.       ‘विद्या वारिधि ( डी० लिट्०) ', भारतीय साहित्यकार संसद , समस्तीपुर
15.      'विद्या वारिधि ( डी० लिट्०) ', विश्व हिन्दी सेवा संस्थान , इलाहाबाद
16.      ‘साहित्य वारिधि ( डी० लिट्०) ', सा  0 सां  0 कला संगम अकादमी,प्रतापगढ
17. ’आदर्श महिला पुरस्कार, २०१०’, हुतात्मा अपंग बहु उद्देशीय विकास कल्याणकारी संस्था ( कार्यक्षेत्र – सम्पूर्ण भारत ),  कराड ( महाराष्ट्र )
18.    कवि सम्राट,अखिलभारतीय  साहित्य  संगम , उदयपुर
19.    पी-एच० डी०,ओरियेन्टल लर्नींग’, इन्सटिट्यूट आफ़ ओरियेन्टल हेरिटेज़,कोलकाता
20.    राष्त्र गौरव सम्मान’, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर
21.      'विद्या वाचस्पति (पी-एच्० डी०)', विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर
22.      'विद्या वाचस्पति (पी-एच्० डी०)',सा  0सां  0 कला संगम अकादमी,प्रतापगढ
23.    ’अंग गौरव उपाधि’, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर
24.    ’ब्रज गौरव मानदोपाधि’, आसरा समिति,बलदेव (मथुरा)
25.    ’लेखक मित्र मानदोपाधि’,आशा मेमो० मित्रलोक पब्लिक पुस्तकालय,देहरादून
26.    ’काव्य कुमुद मानद उपाधि’,अभिव्यंजना सा० संघ एवं सा० संस्था,कानपुर
27.    ’जनकवि मानदोपाधि’, समग्रता शिक्षा सा० एवं कला परि०, कटनी
28.    ’कलम कलाधर मानद उपाधि’, अखिल भारतीय साहित्य संगम, उदयपुर
29.    साहित्य मार्तण्ड मानदोपाधि’, सा० सां० कला संगम अकादमी, प्रतापगढ़
30.    महाकवि मानदोपाधि २०११’, विक्रमशिला विद्यापीठ, भागलपुर
31.    साहित्य सम्राट मानद उपाधि’, आसरा समिति, बलदेव, मथुरा
32.    ’साहित्य मार्तण्ड मानदोपाध”, सा० सां० कला संगम अकादमी,प्रतापगढ़
33.    सर्वोच्च कीर्ति भारती सम्मान’, सरिता लोक भारतीय संस्थान, सुलतानपुर (उ०प्र०)
34.    ‘2009 Woman of the year Award( representing India), The Ame. Bio Institute
35.    Rajiv Gandhi Excellence Award 2008’, New Delhi
36.    “World Lifetime Award,2007’, The Ame. Bio. Institute
37.       ‘‘Woman of the year Award,2007’ –the American Bio. Institute 
38.      'Rising Personalities of India Award’– Int. Penguin Pub  House, New Delhi.
39.      ‘Asia Pacific International Award 2012’, Tashkent Global Foundation
40.      ‘Gold Star International Award 2012’, EGSI(New DElhi
41.      ‘Gold Medal’ – Int. Penguin Pub  House, New Delhi.
42.      ‘ Rashtriya Vikas Ratan Award 2010’, ISIID, New Delhi
43.      “Bharat Jyoti Award,2008’ -   I.I.F.S., New Delhi.
44.      “Certificate  Of  Excellence’--  I. I.F.S. , New Delhi.
45.      ‘Best Citizens of India Award,2008’,Inte. Pub House, N Delhi
46.      ‘Rashtriya Samman Puraskar,2008’, I.S.I.I.D., New Delhi
47.      ‘Gold Medal,2008 II’,I.S.I.I.D.,New Delhi
48.      ‘Mother Terisa Award,2008’, New Delhi
49.      ‘Gold Medal,2008’, I.S.I.I.D.,New Delhi
50.      ‘Rashtriya gaurav Ratan Award’, I.S.I.I.D.,New Delhi
51.      ‘Gold Medal’,I.S.I.I.D., New Delhi
52.      “Natioal Status Award for Intellectual Development’, I.O.C.I.,Delhi
53.      ’Raashtriya Vidya Ratan Award,2010’, I.S.F.I.I.Development,New Delhi
54.      ‘Achiever of the Millenium Award’, Econm.Health & Educational Growth, New Delhi
55.      ‘Global Achiever’s Award’, ISIID, Bangkok(Thailand)
56.      N.M.F.I. State Excellence Award 2013’, Rishikesh Uttarakhand
57.      ‘Glory of India Award 2013’, Econ. Growth Foundation, Delhi
58.      ‘Excellence in Literary Field Award 2013’, Shikshak Vikas parishad, Goa
59.      ‘Indil International Achiers’ Award’, ISIID, New Delhi
60.      नागार्जुन आहट शिखर सम्मान,२००७’, शाम्भवी-सदन-स०,दरभंगा
61.    राष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान,अ० भा०राष्ट्रभाषा सम्मेलन, हससासा, नई दिल्ली
62.    स्व० श्री विजय कुमार जैन स्मृति सम्मान,२००९ (+1100/-),रजत जयन्ती समारोह,दीपज्योति,अलवर
63.    राज्यस्तरीय शिर्डी गौरव पुरस्कार २०११’, हुतात्मा अपंग बहुद्देशीय विकास कल्याणकारी संस्था,सातारा
64. तुलसी सम्मान,२००७’ ,म० प्र०तुलसी साहित्य अका०, भोपाल
65.    आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी सम्मान, हिन्दीभाषा सम्मे०,पटियाला
66.      विवेकानन्द सम्मान,२००९’, सा० सां० कला संगम अकादमी, प्रतापगढ़
67.      'निराला सम्मान'’, शब्द कारखाना, जमालपुर (बिहार)
68.      'महादेवी वर्मा सम्मान', अखिल भारतीय साहित्यकार समिति, मथुरा
69.      कोल्हापुर भूषण २०१०’, सा० कोल्हापुरी बाणा, कोल्हापुर
70.      'सन्त कवि कबीर पुरस्कार', अनोखा विश्वास , इन्दौर
71.      शबरी साहित्य शिरोमणि सम्मान’, शबरी शिक्षा समाचार,सालेम ( चेन्नै )
72.      अखिल भारतीय राजभाषा कार्यान्वयन पुरस्कार,२००९’, राजभाषा पुरस्कार समारोह,जयपुर
73.      द्वितीय कविता पुरस्कार,जून २००९’,हिन्दी साहित्य मेल, जी मेल डाट काम
74.      'सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान ', अंतर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था, महाराष्ट्र
75.      'श्रीमती केसर बाई सोनी स्मृति सा० रा० शिखर सम्मान ',साहित्यांचल,भीलवाड़ा(राजस्थान)
76.      'डा० बाबा साहेब आम्बेडकर साहित्य रत्न पुरस्कार ', अनोखा विश्वास, इन्दौर
77.      'हिन्दी रत्न ', अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान अकादमी, कुशीनगर
78.      'ऋतंभरा रत्न -२००६',ऋतंभरा साहित्यिक मंच ,दुर्ग
79.      'हिन्दी सेवी सम्मान', जैमिनी अकादमी, पानीपत
80.      'भारती भूषण सम्मान', राष्ट्रीय राजभाषा पीठ , इलाहाबाद
81.      'साहित्य श्री सम्मान', अ० भा० भाषा सा० सम्मेलन(केन्द्रीय संस्था), भोपाल
82.      .'हिन्दी काव्य रत्न , अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान अकादमी, कुशीनगर
83.      'श्रेष्ठ साधना सम्मान' अखिल भा 0 भाषा सा  0 सम्मेलन(केन्द्रीय संस्था),भोपाल
84.      'वीरांगना सावित्री बाई फुले फेलोशिप अवार्ड ' भा  0 दलित सा  0 अकादमी, दिल्ली
85.      'राष्ट्रभाषा विद्यालंकार',अखिल भा  0 साहित्य कला परिषद , कप्तानगंज
86.      'साहित्य सुमन  ’, अंतर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था (महाराष्ट्र)
87.      'साहित्य गौरव सम्मान ', खानकाह सूफी दीदार शाह चिश्ती, नवी मुम्बई
88.      'विशिष्ट सम्मान(२००५)’', प्रबंध निदेशक, बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पा 0 कार 0,पटना
89.      'कवयित्री  महादेवी   वर्मा सम्मान ', विश्व हिन्दी सेवा संस्थान , इलाहाबाद 
90.      'भाषा रत्न सम्मान ', जैमिनी अकादमी , पानीपत
91.      'साहित्य प्रभा सर्वोच्च ग्यानमाला पुरस्कार', दून द्रोण आदिम विकास समिति,देह  0
92.      'पूर्व-पश्चिम काव्य गौरव सम्मान ', जागृति प्रकाशन, मुम्बई
93.      'साहित्यांचल राष्ट्रीय शिखर सम्मान ', साहित्यांचल, भीलवाड़ा (राजस्थान)
94.      'काव्य प्रतिभा सम्मान ' अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान अकादमी, कुशीनगर
95.      'राष्ट्र गौरव साहित्य सृजन सम्मान  ',सुरभि सा  0 संस्कृति अका 0,खण्डवा
96.      'मीरा रजत स्मृति सम्मान ', हिन्दी भाषा साहित्य परिषद, खगड़िया
97.      'राष्ट्र काव्य गौरव ', खानकाह सूफी दीदार शाह चिश्ती, नवी मुम्बई
98.      'मुम्बई रत्न ', जैमिनी अकाडमी, पानीपत
99.      'स्व० श्री हरिठाकुर स्मृति सम्मान ', पुष्पग़ंधा प्रकाशन, छत्तीसगढ
100.                        'हिरदे कवि रत्न  ', छत्तीसगढ शिक्षक साहित्यकार मंच
101.                        'विशिष्ट साहित्य साधना सम्मान ',अखिल भा 0 भाषा सा 0 सम्मेलन,भोपाल
102.                        'काव्य मधुरिमा ', अखिल भारतीय साहित्य संगम उदयपुर
103.                        आरसी प्रसाद स्मृति रजत सम्मान,२००७’, हिन्दी भाषा सा० परि०, खगड़िया        
104.                        'काव्य भूषण ', काव्यलोक संचालन समिति, जमशेदपुर
105.                        मधुमिश्रित आकांक्षा साहित्य सम्मान  ’,सुरभि सा 0 संस्कृति अका 0,खण्डवा
106.                        'समन्वय श्री ',अखिल भा 0 भाषा सा0 सम्मेलन (के 0संस्था),भोपाल
107.                        'हिन्दी गौरव सम्मान ' अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान अका 0, उ० प्र०
108.                        'राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान ',अखिल भारतीय राष्ट्रभाषा विकास संगठन,गाजियाबाद
109.                        'भारत गौरव सम्मान', ऋचा प्रकाशन , कटनी (म० प्र० )
110.                        'हिन्दी काव्य ज्योति सम्मान ',खानकाह सूफी दीदार चिश्ती,नवी मुम्बई
111.                        'साहित्य शिरोमणि ', मानव कल्याण संघ , दादरी (भिवानी)
112.                        'रंजन कलश शिव सम्मान ', रंजन कलश, भोपाल
113.                        'सम्मान प्रमाण पत्र  ', अखिल भारत वैचारिक क्रांति मंच ,लखनऊ
114.                        'राष्ट्रीय साहित्य शिखर सम्मान ', भारतीय साहित्यकार संसद , समस्तीपुर
115.                        'भारती रत्न सम्मान ', राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, इलाहाबाद
116.                         ‘ऋतम्भरा साहित्य मणि सम्मान’’ , ऋतम्भरा साहित्य मंच , दुर्ग
117.                        'सम्मान प्रमाण पत्र', अ० भा० कवयित्री सम्मे०, विद्यापीठ महोत्सव ,भागलपुर
118.                        'कवि शिरोमणि',विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर
119.                        'स्मृति साहित्य श्री सम्मान',श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति सा० माला,कानपुर
120.                        'सम्मान प्रमाण -पत्र', आदित्य साहित्यिक संस्था, कानपुर
121.                        'सारस्वत साहित्य सम्मान',भारतीय वाङमय पीठ , कोलकाता
122.                        'मधुरिमा रत्न', इतिहास एवं पुरातत्व संस्थान , म० प्र०
123.                        राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान’,शबनम साहित्य परिषद, सोजत सिटी (राज०)
124.                        'साहित्य रत्न सम्मान ',तरुण सांस्कृतिक चेतना समिति,समस्तीपुर
125.                        'काव्य मर्मग्य सम्मान',इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था,बिजनौर (उ० प्र०)
126.                        'साहित्य गौरव अवार्ड', श्री महादेव संस्थान , वर्धा (महाराष्ट्र)
127.                        'स्व० रामकिशन दास स्मृति गीति-साहित्य-सम्मान' (+2001/-) , अ० भा० कला मंच,मुरादाबाद     
128.                        साहित्य शिखर सम्मान,२००७’, मनु प्रकाशन, बालाघाट
129.                        अभिव्यक्ति सम्मान २००७’, दृष्टि, भार्गव कालोनी, गुना (म० प्र०)
130.                 साहित्य मनीषी सम्मान’, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ, भोपाल
131.                 ’कवि रत्न सम्मान’, जेमिनी अकादमी ,पानीपत
132.                 ’काव्य गौरव सम्मान,२००७’, आकृति प्रकाशन पीलीभीत (उ०प्र०)
133.                 ’साहित्य सेवा सम्मान’, छत्तीसगढ़ शिक्षक साहित्यकार मंच, दुर्ग
134.                 ’शान-ए-अदब’, शबनम  साहित्य परिषद, सोजत सिटी (राज०)
135.                 ’स्व० महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान’,पुष्पगंधा प्रकाशन, कवर्धा (छ०ग०)
136.                 ’सम्मान प्रमाण –पत्र’, श्री हिन्दू विश्व प्रसार प्रतिष्ठान, कानपुर
137.                 ’देवभूमि साहित्य रत्न’, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथोरागढ़
138.                 ’रमेश प्रसाद–सरला देवी हिंदी भूषण अलंकरण’,अभियान,जबलपुर(म०प्र०)
139.                 ’सम्मान पत्र;, तारिका विचार मंच, प्रयाग
140.                 ’माता अमर कौर सम्मान,२००८’,अ० भाषी हिन्दी लेखक संघ,दिल्ली
141.                 ’न्यू ऋतंभरा सद्भावना साहित्य सम्मान’,न्यू ऋतंभरा साहित्य मंच, दुर्ग
142.                 ’निराला स्मृति रजत सम्मान,२००६’, हिन्दी भाषा सा० परि०, खगड़िया
143.                 ’भारत भूषण सम्मान २००८’, लोक भारती सेवा संस्थान, सुलतानपुर
144.                 ’भारतेन्दु हरिश्चन्द्र स्मृति रजत सम्मान,२००८’, हिन्दी भाषा सा० पर० खगड़िया
145.                 ’स्व० सरस्वती पाण्डेय स्मृति सम्मान’, विन्ध्यवा० हिन्दी वि० स०,नई दिल्ली
146.                 ’स्व० ग्यानी अमर सिंह जोबन सम्मान’, अ० भाषी हिन्दी लेखक संघ,दिल्ली
147.                 ’फ़नकार ए-ग़ज़ल सम्मान’, आकृति सा० मंच , पीलीभीत (उ० प्र०)
148.                 ’हिन्दी भाषा भूषण सम्मान’, साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा (रा०)
149.                 ’काव्य शिरोमणि’, नवयुग साहित्य संगम, लखनऊ
150.                 सा० प्र० साहित्यकार कुलभूषण सम्मान’, दून द्रोण आदिम विकास समिति, देहरादून
151.                 ’पंचशील शिरोमणि’, अखिल भारतीय सि० स० से० सो० , नई दिल्ली
152.                 ’सम्मान पत्र’, सामयिकी, भीलवाड़ा
153.                 ’सम्मान शिरोमणि’, अखिल भारतीय सि०स० से० सो०, नई दिल्ली
154.                 ’सृजनदीप सम्मान’,सृजनदीप कला मंच, पिथौरा गढ़
155.                 ’महाराष्ट्र रत्न सम्मान’, ज़ेमिनी अकादमी, पानीपत
156.                 ’महिमा साहित्य सम्मान २००८’, छ० ग) शिक्षक साहित्यकार मंच
157.                 ’भगत श्री मोहर सिंह स्मृति सम्मान’,श्री बाबा गरीबनाथ विद्या प्रचारणी पीठ ,हरियाणा
158.                 ’शब्द-सूर्य अलंकरण’, अ० भा० शब्द सूर्य, ग्वालियर
159.                 ’काव्य भूषण’, अखिल भा० हिन्दी प्रसार प्रतिष्ठानन, पटना
160.                 ’उजास सम्मान -२००८’, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना (म० प्र०)
161.                 ’काव्य कलश सम्मान,२००९’, हिन्दी भाषा सम्मेलन, पटियाला पंजाब
162.                 ’ तृतीय कविता पुरस्कार,अगस्त,२०१०’, हिन्दी साहित्य मेल,जी मेल डाट काम
163.                 ‘वेस्ट वोमन आफ़ द इयर अवार्ड २००९’, आल इण्डिया वीमेन्स एशोसियेसन,इलाहावाद
164.                 ’प्रशंसा –पत्र २००९’, सोनभद्र केशरि व वाह क्या बात है,पत्रिकाएँ, सोनभद्र
165.                 ’दिव्य प्रकाश पुंज सम्मान’, सुमन साहित्यिक संस्था, बिजनौर (उ० प्र० )
166.                 ’साहित्य मार्तण्ड’, ग्राम भारती सम्स्था, आलापुर (प्रतागढ़)
167.                 ’साहित्य भूषण मानद उपाधि’, आसरा समिति, बलदेव, मथुरा
168.                 ’महिमा साहित्य भूषण सम्मान’, महिमा प्रकाशन, दुर्ग (छ०ग०)
169.                 ’कवि कृष्णदत्त तुफ़ान पानीपती सम्मान,’ जैमिनी अकादमी,पानीपत
170.                 ’भारतीय भाषा रत्न’, विक्रम शिला विद्यापीठ, भागलपुर
171.                 ’ भाषा भारती रत्न अलंकरण’, नव लेखन संश, भोपल
172.                 ’अक्षर शिल्पी सम्मान,२०१०’, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना (म० प्र ० )
173.                 ’फ़ातमा स्मति सम्मान,२००९’, शबनम साहित्य सम्मान,सोजत सिटी ( राज ०)
174.                 ’ ’अमृता प्रीतम राष्ट्रीय शिखर सम्मान, २०१०,भारतीय राष्ट्रीय साहित्यकार संसद,समस्तीपुर
175.                 ’हिन्दी शिरोमणि’, इतिहास और पुरातत्व शोध संस्थान, बालाघाट
176.                 देव भारती सम्मान’, देव भारती, भोपाल.
177.                 ’राज्यस्तरीय साहित्य गौरव पुरस्कार’, भारतीय पुरस्कार विजेते संघ, मुम्बई
178.                 ’कबीर सम्मान’, साहित्यिक,सां० कला संगम अकादमी,परियावाँ
179.                 ’रवीन्द्रनाथ ठाकुर सारस्वत साहित्य सम्मान’, भारतीय वाडमय पीठ ,कोलकाता
180.                 ’श्री बजरंग साहित्य सम्मान’, साहित्यांजलि सामा० साहि० एवं सां० संस्थान, इलाहाबाद
181.                 ’सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान’, तारिका विचार मंच, इलाहाबाद
182.                 ’साहित्य सिंधु;, ग्राम भारती संस्था, आलापुर (प्रतापगढ़)
183.                 ’साहित्य पद्म सम्मान’, साहित्यांजलि प्रभा, इलाहाबाद
184.                 ”देवसुधा रत्न अलंकरण’, देवसुधा, पिथौरागढ़
185.                 ’ सम्मान प्रमाण-पत्र’,ग्राम भारती संस्थान, आलापुर (प्रताप०)
186.                 ’विशिष्ट सेवा सम्मान’, अखिल भारतीय पत्रकारिता सम्मेलन- २०१०,एटा (उ० प्र०)
187.                 ’राज्यस्तरीय अक्कलकोट भूषण पुरस्कार २०१०’,हुतात्मा अपंग बहुद्देशीय संस्था, अक्कलकोट
188.                 ’कविश्रेष्ठ सम्मान;, अखिल भारतीय साहित्य परिषद,बालाघाट
189.                 ’रमा अनुरागी स्मृति सरहपाद शिखर सम्मान २०१०’, मंदाकिनी मंच, बेगुसराय
190.                 ”साहित्य कणश्री’, इतिहास एवं पुरातन शोध संस्थान, बालाघाट
191.                 ’सम्मान पत्र,२०१०’, अखिल भारतीय वैचारिक मंच, लखनऊ
192.                 ’पं० दुर्गा प्रसाद शुक्ल स्मृति सम्मान २०११’, सा० सां० कला संगम अकादमी.प्रतापगढ़
193.                 ’काव्यश्री’, अखिल भारतीय हिन्दी प्रसार प्रतिष्ठान, पटना
194.                 ’श्री रामकृष्ण –कला साहित्य सम्मान’, इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर
195.                 ’महिमा साहित्य मणि सम्मान’, महिमा प्रकाशन, दुर्ग
196.                 ’सारस्वत सम्मान’, मेसेज आफ़ इण्डिया प्रकाशन,हरदोई (उ०प्र०)
197.                 ’शब्दश्री मानद उपाधि’, शब्द प्रवाह साहित्य मंच, उज्जैन, म० प्र०
198.                 ’रवीन्द्रनाथ ठाकुर सारस्वत साहित्य सम्मान २०११’, भारतीय वाड.मय पीठ,कोलकाता
199.                 ’राष्ट्रीय साहित्य विद्यालंकार’, शिक्षक विकास परिषद, गोवा
200.                 ’राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान २०११’, अहिल भारतीय स्मौल पेपर्स एसोशियेसन, भोपाल
201.                 ’हिन्दी गरिमा सम्मान २०११’, सा० सां० कला संगम अकादमी,परियावाँ
202.                 ’श्रीकृष्ण सरल सम्मान’, म० प्र० लेखक संघ, गुणा
203.                 ’काव्य सेतु सम्मान-२०११’, सुमन साहित्यिक संस्था,बिजनौर
204.                 ’कवि-कुल रत्न सम्मानोपाधि’,राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव ट्रस्ट,जबलपुर
205.                 ’निज़ाम उस्ताद सम्मान;, शबनम साहित्य परिषद, सोजत सीटी (राज०)
206.                 ’सचिव शेष कुमार विमल स्मृति सम्मान’, विमल साहित्य सदन, मथुरा
207.                 ’प्रशस्ति प्रमाण पत्र’, हिमालय और हिन्दुस्तान फ़ाउन्डेशन,ऋषिकेश
208.                 ’राष्ट्रीय एकात्मता पुरस्कार-२०११’, राजा हरिचंद कला-क्रीड़ा प्रतिष्ठान,पुणे
209.                 ’कविता भूषण सम्मान’, पीयूष साहित्य परिषद,पटना
210.                 ’मुकुट मुरारी स्मृति साहित्य श्री सम्मान’, पंचवटी ,कानपुर
211.                 ‘साहित्य रत्न उपाधि’, सत्कर्मी यथाश्रित सेवा भावी हिन्दी संस्थान,महाराष्ट्र
212.                          ’हिमालय और हिन्दुस्तान गौरव अवार्ड २०१२’, ’हिमालय और हिन्दुस्तान फ़ाउन्डेशन,देहरादून
213.                         ’प्रशस्ति पत्र”, सामयिकी, भीलवाड़ा
214.                         ’दिव्यदृष्टि साहित्य सम्मान-२०११’, महिमा प्रकाशन
215.                         ’सम्मान पत्र’, प्रथम प्रकाशन, पाठानकोट
216.                        ’हिमाक्षरा नारी गौरव सम्मान’, हिमाक्षरा राष्ट्रीय परिषद अधिवेशन,गोवा
217.                        ’पं० कामताप्रसाद गुरु सारस्वत साहित्य सम्मान’, भारतीय वाड.मय पीठ कोलकाता
218.                        ’महाकवि पद्माकर स्मृति स्वरूप सृजनश्री सम्मान २०१२’, प्रांजलि प्रकाशन,सागर
219.                        साहित्य सरिता सम्मान’, म० प्र० पत्र लेखक मंच, बेतूल (म० प्र०)
220.                        मन की आवाज सम्मान-२०१२’, महिमा प्रका शन, दुर्ग
221.                        साहित्य मार्तण्ड—२०१२’, सा० सं० कला संगम अकादमी,प्रतापगढ़
222.                        त्रिवेणी साहित्य सम्मान’,साहित्य त्रिवेणी, कोलकाता
223.                        हिमालय और हिन्दुस्तान राष्ट्रीय रत्न सम्मान-२०१२’, हिमालय और हिन्दुस्तान, देहरादून
224.                        ’सृजन सरिता सम्मान’,म०प्र० लेखक मंच, बेतूल
225.                        ’कामता प्रसाद सिंह काम सम्मान’, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना
226.                        निखिल शिखर सम्मान’, महिमा प्रकाशन, दुर्ग
227.                        प्रशस्ति पत्र’, मेसेज आफ़ इण्डिया, हरदोई (उ० प्र०)
228.                        ”साहित्य के सितारे सम्मान’,महिमा प्रकाशन, दुर्ग
229.                        ’निखिल शिखर सम्मान-२०१३’, प्रेरणा बहुआयामी सम्स्था, छत्तीसगढ़
230.                        ’सम्मान पत्र’, मालवा रंगमच समिति,उज्जैन
231.                        ’श्रीमती गिना देवी स्मृति साहित्य सम्मान—२०१३’ (+११११/-रुपये ),गुगनराम एजुकेशनल व सोशल सोसाइटी,भिवानी
232.                        ’ साहित्य सागर सम्मान ’, अखिल भारतीय चिंतन साहित्य परिषद, मैनपुरी (उ० प्र०)
233.                         ‘ साज़ जबलपुरी, लाईफ़टाईम अचीवमेंट अवार्ड ’ , साहित्यिक,सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था,
  जबलपुर
234.                 ‘शब्द प्रवाह साहित्य सम्मान- 2014’, शब्द प्रवाह साहित्य मंच, उज्जैन
फिल्मी गीत

'जयहिन्द सिपाई जी हिन्दी फिल्म के लिए कविता, तीसरी पुस्तक से अनमोल प्रोडक्शन , मुम्बई द्वारा शीर्ष गीत के रूप में ली गई  |
सदस्यता -
(१)                      संरक्षक, विश्व स्नेह समाज, इलाहाबाद
(२)                      संरक्षक, साहित्यांचल (भीलवाड़ा)
(३)                      सलाहकार, साहित्य सरोवर (कर्नाटक)
(४)                      दी फिल्म राइटर्स एसोसियेशन , अँधेरी, मुम्बई की सदस्यता
     ( )  अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन केन्द्रीय संस्था,भोपाल की आजीवन सदस्यता
     () संरक्षक-परामर्शदाता मण्डल, अ० भा० साहित्यकार अभिनन्दन समिति, मथुरा की
   आजीवन सदस्यता
     () अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन, खुरजा (उ० प्र०) की आजीवन सदस्यता
जीवन वृत्त प्रकाशित -

1. ‘ TARA SINGH (AUTHOR), Biography—Barnes and Noble, N.J., U.S.A.

(2) एफ्रो - एशियन हूज -हू, खंड (२००६)

(3) एशिया-पैशेफिक हूज -हू, खंड (२००६) ,

(4राईजिंग पर्सोनालिटी आफ़ इन्डिया अवार्ड बुक, २००६

(5) बेस्ट सिटिजेन्स आफ़ इन्डिया बुक, २००८, पृष्ठ-६६.

(6) एशिया पैसेफ़िक हूज-हू,खंड—११,पृष्ठ-३७६ (२०१२)  


(7) एशियन एडमायरेबुल एचीभर्स, खंड—7 ( 2013) ; पृष्ठ –१६५ .

Tuesday 11 March 2014

एक कवि की दृष्टि से - कोहरा सूरज धूप (बृजेश नीरज)

"माँ! शब्द दो! अर्थ दो!ये तीन पंक्तियाँ मिलकर एक छोटी सी कविता रच देती हैं। ये कविता उस यात्रा की शुरुआत है जिसका प्रारंभ घने कुहरे से होता है। हमारा अस्तित्व भी माँ से ही शुरू होता है। हमारे जीवन को पहला शब्द और पहला अर्थ माँ ही देती है। इसके बाद होती है जीवन-यात्रा जो अज्ञान के कुहरे से शुरू होती है।

बच्चे हर चीज को उसके स्वाद से पहचानने की कोशिश करते हैं। तब माँ सिखाती है कि हर चीज का स्वाद जुबान से नहीं लिया जा सकता। दुनिया को जानने-समझने के लिए आपको हर इंद्रिय का प्रयोग करना पड़ता है और किस वस्तु को किस इंद्रिय से महसूस किया जा सकता है यह माँ ही सिखाती है। माँ ज्ञान का सूरज भी है और आनंद की धूप भी। इस तरह कोहरा सूरज धूपनामक कविता संग्रह की यात्रा शुरू होती है जो बृजेश नीरज जी के कल्पनालोक में ले जाती है।

अद्भुत बिम्बों से भरी सुबह हो रही है। यात्रा के प्रारंभ में ही कुछ द्वीप हैं जिनसे सटकर भगीरथी की धारा ठिठकी हुई है जिसकी स्याह लहरों में घुटकर रोशनी दम तोड़ देती है। निगाह नीले आसमान की तरफ जाती है और मन में सदियों पुराना प्रश्न सिर उठाता है। क्या होगा अंत के बादसामने मोमबत्तियों को घेरे हुए भीड़ दिखाई पड़ती है पर वो भी रोशनी को दम तोड़ने से नहीं बचा पाती।

आगे बढ़ने पर कुहरा छँट जाता है और सूरज चमकने लगता है। सूखे खेत, कराहती नदी और बढ़ते बंजर दिखाई पड़ते हैं। सड़क का तारकोल पिघलने लगता है। यात्रा करते समय काग़ज़ पर सीधी लकीर खींचने की सारी कोशिशें बेकार साबित होती हैं। कोहरा सूरज धूपकी यात्रा जीवन की यात्रा भी है। जहाँ लगातार कोशिशें करने के बावजूद भी सीधा-सादा बनकर नहीं जिया जा सकता। इंसान करे तो क्या करे?

आगे दिखाई पड़ती हैं जमीन के शरीर पर खिंची ढेरों लकीरें जिन्हें लोग पगडंडियाँ कहते हैं। पगड़ंडियाँ तब बनती हैं जब इंसान एक ही रास्ते से बार-बार गुज़रता है। पर क्यों गुज़रता है इंसान एक ही रास्ते से बार-बार?  क्योंकि उस रास्ते के अंत में प्रेम उसकी राह देख रहा होता है। प्रेम, जिसके बिना इंसान का जीवित रहना निरर्थक है। इसलिए नये रास्तों पर चलने की चाहत को भीतर दबाये वो बार-बार उन्हीं रास्तों से होकर गुज़रता है। कभी भटक गया तो भी लौट कर वापस उन्हीं पगडंडियों पर आता है।

अचानक लगता है कि इस रास्ते में आकाश, हवा, पानी, धूप, धूल, सितारा, सूरज, चाँद, ग्रह, आकाशगंगा सब कुछ कवि की कल्पना का विस्तार मात्र है। कवि भी उन्हीं मूलभूत कणों और गुणों से बना है जिनसे सारा ब्रह्मांड बना है। अंतर मात्र इन कणों की संख्या का है। अचानक एक प्यार भरा स्पर्श कवि को कल्पनालोक से निकाल कर ला पटकता है जीवन के कठोर धरातल पर और कहता है कि उठो, अभी कल की रोटी का जुगाड़ करना है तुम्हें। कवि को ध्यान आता है कि इन पगडंडियों में से कुछ उदास, खामोश पगडंडियाँ उन घरों तक जाती हैं जो स्मृतियों के बोझ तले ढहने लगे हैं। इन पर अब कोई नहीं चलता इसलिए खेत धीरे-धीरे इन पर अपना कब्ज़ा जमाते जा रहे हैं और ये हरे रंग की एक दुबली पतली लकीर के जैसी दिखने लगी हैं।    

आगे बढ़ने पर गर्मी अचानक बढ़ जाती है और इस प्रचंड गर्मी में सिर पर ईंटे ढोता एक आदमी दिखाई पड़ता है जिसकी आँतों में भूख का तापमान वातावरण के तापमान से अधिक है। गर्मी हमेशा उच्च तापमान से निम्न तापमान की तरफ बहती है इसीलिए गरीब आदमी प्रचंड गर्मी में भी जिन्दा रह पाता है। कवि अपने कंधों पर लदे तीन शब्द आदमी, भूख, पेट के बदले में तीन नए शब्द माँगता है मगर पूरा संसार मिलकर भी उसे तीन नए शब्द नहीं दे पाता। ये शब्द कवि के कंधों पर लदे हुए दिखते जरूर हैं मगर सच तो यह है कि धूप की गर्मी ने ये शब्द कवि की आत्मा के साथ वेल्ड कर दिये हैं। यहाँ से यात्री को यकीन हो जाता है कि वो सचमुच किसी कवि के कल्पनालोक की यात्रा कर रहा है किसी मायानगरी की नहीं।

आगे चलने पर मिलती है जमीन की तलाश में भटकती एक टूटी शाख जो लाल बत्ती पर खड़ी होकर अपनी फटी कमीज से गाड़ी पोंछ रही है। कवि कहता है कि तुम्हारी जमीन दिल्ली में एक गोल गुम्बद के नीचे कैद है। पहुँच सकोगी वहाँ तक? यह सुनते ही सूरज बड़ी तेजी से चमकने लगता है, बारिश होने लगती है, बादल फटता है। सबकुछ पिघलते अँधेरे में गुम हो जाता है। कवि लालटेन लिखना चाहता है पर अँधेरे में कैसे लिखे?

आगे बढ़ने पर मिलते हैं प्रेम और जीवन जिनके सामने जाने के लिए कवि ढूँढने लगता है अपना चेहरा। वो तारे तोड़ लाना चाहता है पर चुपचाप खाली बाल्टी को बूँद-बूँद भरते हुए देखने के अलावा कुछ नहीं कर पाता। अचानक यादों की किताब खुल जाती है और कवि को याद आता है कि प्रेम की बारिश के बगैर बहुत से सपने सूख गये हैं। आकाश और धरती के बीच कवि का अहंकार अकेला खड़ा है। कवि उसे दूर से नमस्कार कर आगे चल पड़ता है।

आगे मिलता है कंक्रीट का जंगल जहाँ दो पल सुकून से बैठने के लिए कवि जगह की तलाश में भटकता है। कवि को ढेर सारे मकान मिलते हैं अपने अपने नंबरों को सीने से चिपकाए और बशीर बद्र का ये शेर याद आता है।
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला

अचानक कवि को दिख जाता है उसका प्रेम और कवि कह उठता है कि तुम्हारा आना एक इत्तेफ़ाक हो सकता है लेकिन तुम्हारा होना अब मेरी आवश्यकता है। कवि को दिखाई देती हैं बंद खिड़कियाँ जिनपर हवा बार-बार दस्तक दे रही है। कवि के कल्पनालोक में भी रात होती है और हवा डर से काँपने लगती है लेकिन जल्द ही रोशनी की पहली किरण भी दिखाई देने लगती है। यहाँ कवि को अहसास होता है कि समय उससे बहुत आगे निकल चुका है। समय कल्पना की गति से भी तेज गति से भाग रहा है।

आगे बढ़ने पर कुहरा एक बार फिर घना हो जाता है पर कवि को यकीन है कि ये एक बार छँटा है तो दुबारा भी छँटेगा और वो भावों की लालटेन लिये आगे बढ़ता रहता है। कुहरे में रास्ता तलाशना मुश्किल साबित हो रहा है कवि बार-बार आगे बढ़ता है मगर रास्ता बंद पाकर वापस लौट आता है। कवि के मन में कुहरे की जेल से आज़ाद होने की इच्छा बलवती होने लगती है और वो जन-गण-मन गाने लगता है। अचानक कुहरा छँट जाता है और दिखाई पड़ने लगती है बरसात के अभाव में बंजर होती जमीन।

तभी पास में ही कहीं आँधी चलने लगती है और कवि की आँखों में धूल के कण चुभने लगते हैं। कवि आँखें मलने लगता है और उसे दिखाई पड़ते हैं प्रतिपल रंग बदलते हुए अक्षर। उसकी आँखों से स्याही की बूँद निकलकर क्षितिज की ओर चल पड़ती है। पता नहीं रंग बदलते हुए अक्षरों से निर्मित होने के कारण शब्द खामोश हैं या फिर उन्होंने दो मिनट का मौन धारण कर लिया है क्योंकि शाहजहाँ ने उनके पिता का सर (कवि के हाथ) कटवा दिया है।

आगे चलने पर दिखाई पड़ता है कवि का गाँव जिसे देखते ही कवि रेज़ा-रेज़ा होकर अपने गाँव की मिट्टी में बिखर जाता है। मिट्टी उसे फिर से नया और तरोताजा कर देती है। कवि सूखी-भूरी घास की चुभन महसूस करता हुआ फिर से उठ खड़ा होता है और उसे याद आता है कि कविता बैसाखियों पर नहीं चलती। यहीं कवि लिखता है मित्र के नाम एक कविता और निश्चय करता है कि ढूँढनी ही होगी कौंधते अंधकार में प्रकाश की किरण जो उसे मिल जाती है किसी के मुस्कुराते चेहरे में।

सामने से अचानक एक हाथी डर से भागता हुआ निकल जाता है। उसे बचाने हैं अपने दाँत। लेकिन वो उस सड़क पर भागता है जो संसद को जाती है और सब जानते हैं कि आगे जाकर यह सड़क बंद हो जाती है।

आगे कवि को मिलता है सजा-धजा चमचमाता हुआ बाजार जिसमें कवि अंधेरे के कण ढूँढने का प्रयास करता है। कवि देखता है बाजार में फूल बास मारते हुए झड़ रहे हैं क्योंकि इनमें संवेदना की खुशबू नहीं है। कवि शहर के बड़े चौराहे की बड़ी दीवार के पास पहुँचता है और उस पर लोकतंत्र लिखने की कोशिश करता है। जैसे ही वह लिखता है दीवार फ़ौरन सफ़ेद रंग से पोत दी जाती है और कवि को गायब कर दिया जाता है।

कवि को गायब कर देने से कवि मिटता नहीं बल्कि और विराट होकर लौटता है। सोये हुए कुम्हार को जगाता है और उससे कहता है कि उठो! गढ़ो! यह सोने का समय नहीं है। कुम्हार को जगाकर कवि निकल पड़ता है सत्य की खोज में।

इतनी दूर तक आते-आते कवि का थक जाना स्वाभिवक है। कवि की थकान देखकर उसका मित्र कहता है कि नीरज, बड़े दिनों बाद आये। आओ साथ-साथ बैठकर लइया, गुड़, चना और हरी मिर्च की चटनी खाएँ। मित्र का स्नेह कवि को एक बार फिर तरोताज़ा कर देता है और तब ये परम सत्य कवि की समझ में आता है। तन माटी से ऊपजा, तन माटी मिल जाय

आगे दिखाई पड़ता है एक घर जिसके आँगन में बैठा बच्चा रो रहा है क्योंकि उसके हिस्से की रोटी कोई चुराकर खा गया है। पीपल केवल अफ़सोस व्यक्त करके चुप हो गया है। इसी गली के कोने पर बने मकान में एक बुढ़िया की देहरी का दिया आज भी टिमटिमा रहा है किसी अनजानी आशा में। कवि भटकता है सतर में अर्थ की तलाश करता हुआ किंतु अचानक निहारता रह जाता है मुँह बिराते अक्षरों को।

अंत में कवि पहुँचता है अपने आराध्य की शरण में। उनको बताता है कि धन-शक्ति के मद में चूर रावण के सिर बढ़ते ही जा रहे हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम तो जग में बहुत हैं मगर शबरी के बेर खाने वाले, केवट को गले लगाने वाले, बंदरों की सहायता करने वाले, शरणागत राक्षस का भी उद्धार करने वाले राम कहीं गुम हो गये हैं। कवि पुकार उठता है, "राम! तुम कहाँ हो?”

माँ से शुरू हुई यात्रा राम तक पहुँचती है। दीन, दुखियों, निर्बलों के राम तक। पर ये यात्रा का केवल एक अस्थायी पड़ाव है। इतनी दूर तक आने वाले थका नहीं करते। वो पड़ावों पर जीवन नहीं बिताते। वो तो चलते रहते हैं, चलते रहते हैं जब तक साँस चलती है। यात्रा आगे भी जारी रहेगी इस उम्मीद के साथ कोहरे से धूप तक का सफर यहीं समाप्त हो जाता है।
      -   धर्मेन्द्र कुमार सिंह
(समीक्षक, गज़लकार तथा कविता कोश कार्यकारिणी के सदस्य)

Tuesday 4 March 2014

''कोहरा सूरज धूप'' लोकार्पित


 
अन्तराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के इलाहाबाद क्षेत्रीय केंद्र स्थित सत्यप्रकाश मिश्र सभागार में रविवार 22 फरवरी को आयोजित समारोह में अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबद द्वारा प्रकाशित साहित्य सुलभ संस्करण के प्रथम सेट की आठ पुस्तकों का लोकार्पण किया गया इन आठ पुस्तकों में लखनऊ के बृजेश नीरज का कविता-संग्रह ‘’कोहरा सूरज धूप‘’ भी सम्मिलित है लोकार्पण भोपाल से पधारे ख्याति प्राप्त शायर ज़हीर कुर्रेशी के हाथों संपन्न हुआ समारोह की अध्यक्षता वयोवृद्ध गीतकार गुलाब सिंह ने की कार्यक्रम का संचालन गीतकार नन्दल हितैषी ने किया  
इस समारोह में गीतकार यश मालवीय, शायर एहतराम इस्लाम, प्रख्यात कवि अजामिल, उर्दू समालोचक एम . ए . कदीर, रविनंदन सिंह आदि वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे समारोह में वक्ताओं ने बृजेश नीरज की कविताओं में समकालीनता के स्वर और उनके तेवर की सराहना की और उन्हें एक प्रगितशील और सशक्त रचनाकार बताया वक्ताओं ने कहा कि बृजेश नीरज की कविताओं में जीवन के अनुभवों का एक विस्तृत फलक मौजूद है समकालीन विषय नए स्वरुप में नवीन बिम्बों के साथ हमारे सामने है समारोह का संयोजन अंजुमन प्रकाशन के अधिष्ठाता एवं शायर वीनस केसरी ने किया

Thursday 13 February 2014

कुंती मुखर्जी

कुंती मुखर्जी - संक्षिप्त परिचय

       कवयित्री एवं लेखिका कुंती मुखर्जी का जन्म 04 जनवरी 1956 को मॉरीशस द्वीप के फ़्लाक़ ज़िला स्थित ब्रिज़ी वेज़िएर नामक गाँव में हुआ था. फ़्रेंच भाषा के माध्यम से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने हिंदी की पढ़ाई की. वर्ष 1972 में मॉरीशस हिंदी प्रचारिणी सभा द्वारा संचालित प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन की विशारद मध्यमा तथा 1973 में साहित्य रत्न उत्तमा परीक्षाएँ उत्तीर्ण की. उन्नीसवीं सदी के मध्य में अंग्रेज़ों द्वारा भारत से विस्थापित एक सम्पन्न परिवार की पाँचवी पीढ़ी की होनहार सदस्या के रूप में आपको भारतीय संस्कार विरासत में मिला. धार्मिक, देशभक्त व विद्वान पिता के संरक्षण और मार्गदर्शन में साहित्य जगत से परिचय हुआ. छह वर्ष की छोटी उम्र से ही आपकी लेखनी सक्रिय हो उठी थी. आपकी असंख्य रचनाओं में काव्य और कहानी ही मुख्य हैं. प्रकृति प्रेम से ओतप्रोत इन रचनाओं में नारी के  प्रति एक अतिसंवेदनशील रचनाकार के हृदय की छवि झलकती है.
       विवाहोपरांत लेखिका वर्तमान में अधिकांश समय भारत में ही व्यतीत करती हैं. उनका काव्य-संग्रह “बंजारन” हाल ही में (2013) अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद से प्रकाशित हुआ है.

सम्पर्क : 37, रोहतास एंक्लेव, फ़ैज़ाबाद रोड, लखनऊ – 226016.
मोबाईल : 09717116167, 09935394949

ई-मेल : coonteesharad@gmail.com 


कुंती मुखर्जी 

 मैं रात का एक टुकड़ा हूँ

(1)

मैं रात का एक टुकड़ा हूँ
आवारा
भटक गया हूँ शहर की गलियारों में.
जिंदगी सिसक रही है जहाँ
दम घोटूँ
एक बच्चा हँसता हुआ निकलता है
बेफ़िक्र, अपने नाश्ते की तलाश में.
सहमा रह जाता हूँ मैं मटमैले कमरों में.

(2)

मैं क्या करूँ
सूरज निकलता है
भयभीत होता हूँ पतिव्रताओं की आरती से
मुँह छिपाये मैं छिप जाता हूँ
कभी धन्ना सेठों की तिज़ोरी में तो
कभी किसी सन्नारी के गजरों में.

(3)

पारदर्शी मेरा शरीर
घूमता हूँ हर जगह
विडम्बना मेरी,  देखता हूँ सब कुछ
दृश्य-अदृश्य
आश्चर्य! जो देवता रात भर
रौंदता है फूलों को
दिन में धूप गुग्गल के धुएँ से
पवित्र करता सारा वातावरण
धन्य करता है जग को
उठाए हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में.

(4)

मुझे आत्मग्लानि थी
कि मैं रात हूँ, पाप हूँ
अब, देवताओं का कर्म देख
मुझे गर्व है कि मैं सौम्य हूँ
स्वप्नलोक की सैर कराता
लेता हूँ सबको अपने बाहुपाश में.

(5)

संध्या मुझे जन्म देती है,
चल देती है मेरा बाल रूप सँवार के
तारों के प्रकाश में, अमावस में
पूर्ण चंद्रमा की रोशनी में
मैं पूर्ण यौवन पाता हूँ.

(6)

जन्म लेता है मेरे उर से नित्य एक दिवस
प्रकाशवान, पलता हुआ अरुणिमा की गोद में-
हाँ, मैं समर्थ हूँ, सच्चा हूँ, रात हूँ. 
- कुंती मुखर्जी 

Monday 6 January 2014

मनोज शुक्ल का गीत


यूँ न शरमा के नज़रें झुकाओ प्रिये,
मन मेरा बाबला है मचल जायेगा.
तुम अगर यूँ ही फेरे रहोगी नज़र,
वक़्त है वेवफा सच निकल जायेगा.

अब रुको थरथराने लगी जिंदगी,
है दिवस थक गया शाम ढलने लगी.
खड़खड़ाने लगे पात पीपल के हैं,
ठंढी- ठंढी हवा जोर चलने लगी.
बदलियाँ घिर गयीं हैं धुँधलका भी है,
घन सघन आज निश्चित बरस जायेगा.
तुम चले गर गए तन्हाँ हो जाउंगा,
मन मिलन को तुम्हारे तरस जायेगा.
तुम अगर पास मेरे रुकी रह गयीं,
आज की रात ये दीप जल जायेगा.
यूँ न शरमा.....................


मौन हैं सिलवटें चादरों की बहुत,
रोकती-टोकती हैं दिवारें तुम्हें.
झूमरे ताकतीं सोचतीं देहरियां,
कैसे लें थाम कैसे पुकारें तुम्हें.
रातरानी बहुत चाहती है तुम्हें,
बेला मादक भी है रोकना चाहता,
चंपा भी चाहता है तुम्हारी छुअन,
बूढ़ा कचनार भी टोकना चाहता.
गर्म श्वांसों का जो आसरा ना मिला,
तो "मनुज " वर्फ सा आज गल जाएगा.
यूँ न ...............


रुक ही जाओ अधर भी प्रकम्पित से हैं,
ये नयन बेबसी से तुम्हें ताकते.
वासना प्यार में आज घुलने लगी,
ताप मेरे लहू का हैं क्षण नापते.
मन है बेचैन तन भी है बेसुध बहुत,
बुद्धि भी अब समर्पण को आतुर हुई.
बेसुरी सी धमक जिंदगी की  मेरी,
आ गयी अपनी लय में प्रिये सुर हुई.
बाँध लो गेसुओं से मेरी जिंदगी,
मृत्यु का देव प्राणो को छल जायेगा.
यूँ   शरमा…………………


- मनोज शुक्ल "मनुज"

Thursday 2 January 2014

नव वर्ष की शुभकामनायें!


सभी मित्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

- निर्झर टाइम्स टीम 

श्रीप्रकाश

संक्षिप्त परिचय-
जन्म- 28 फरवरी 1959
शिक्षा- एम.ए. (हिंदी), कानपुर विश्वविधालय
प्रकाशित कृतियाँ - सौरभ (काव्य संग्रह), उभरते स्वर, दस दिशाएं, सप्त स्वर इत्यादि काव्य संकलनों में तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं अंतरजाल मंचों पर कवितायें/गीत/लेख आदि |
सम्मान- निराला साहित्य परिषद् महमूदाबाद (सीतापुर), युवा रचनाकार मंच लखनऊ, अखिल भारत वैचारिक क्रांति मंच लखनऊ आदि संस्थाओं द्वारा सम्मानित |
गतिविधियाँ- सचिव (साहित्य), निराला साहित्य परिषद् महमूदाबाद (उ.प्र.) एवं संस्थापक/निदेशक ज्ञान भारती’ (लोक सेवी संस्थान) महमूदाबाद (उ.प्र.) |
सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन
ईमेल- sahitya_sadan@rediffmail.com


तीन मुक्तक
- श्रीप्रकाश

विश्व को विश्व के चाह की यह लड़ी
विश्व में चेतना प्राण जब तक रहे,
प्रिय मधुप का कली पे बजे राग भी
जब तलक गंध सौरभ सुमन में बहे !
***
प्यार छलता रहा प्रीति के पंथ पर
दीप जलता रहा शाम ढलती रही,
जिंदगी निशि प्रभा की मधुर आस ले
रात दिन सी सरल साँस चलती रही !
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नेह की गति नहीं है निरति अंक में
काल की गति नहीं उम्र की गति नहीं,
चाह की गति नहीं कल्प की गति नहीं
रूप के पंथ पर तृप्ति की गति नहीं

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केदार के मुहल्ले में स्थित केदारसभगार में केदार सम्मान

हमारी पीढ़ी में सबसे अधिक लम्बी कविताएँ सुधीर सक्सेना ने लिखीं - स्वप्निल श्रीवास्तव  सुधीर सक्सेना का गद्य-पद्य उनके अनुभव की व्यापकता को व्...