छोड़ दिया हमने भी ....: (((...TODAY IS NO SMOKING DAY...))) चल.... आज अंतिम बार तेरी याद को तेंदू पत्ते में भर कस कर एक धागे से लपेट दूं और सुलगा के उसे लगा...
एक थी गौरैया .
Tere bin: अब की सजन मैं ..होली.....
रचनाकार: विजय शिंदे का आलेख - निरक्षरता से... मुक्ति तक का अद्भुत सफर
Shabd Setu: तेरा यह क्रमशः टूटना
ग़ज़ल गंगा: ग़ज़ल:: मिली दौलत , मिली शोहरत , मिला है मान उसको क्यों मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है . किसी का दर्...
मेरा मन: पृथिवी (कौन सुनेगा मेरा दर्द ) ?
भूली-बिसरी यादें : कट गयी दीवार: गर्दे हैरत से अट गयी दीवार, आइना देख कट गयी दीवार। लोग वे मंजरों से डरा करते थे , अब के काया पलट गयी दीवार, ...
एक थी गौरैया .
Tere bin: अब की सजन मैं ..होली.....
रचनाकार: विजय शिंदे का आलेख - निरक्षरता से... मुक्ति तक का अद्भुत सफर
Shabd Setu: तेरा यह क्रमशः टूटना
ग़ज़ल गंगा: ग़ज़ल:: मिली दौलत , मिली शोहरत , मिला है मान उसको क्यों मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है . किसी का दर्...
मेरा मन: पृथिवी (कौन सुनेगा मेरा दर्द ) ?
भूली-बिसरी यादें : कट गयी दीवार: गर्दे हैरत से अट गयी दीवार, आइना देख कट गयी दीवार। लोग वे मंजरों से डरा करते थे , अब के काया पलट गयी दीवार, ...