दूरियाँ | भूली-बिसरी यादें
स्वप्न मेरे...........: माँ ... एक रूप
मेरी धरोहर: लौटकर कब आते हैं???????.........प्रीति सुराना: सपने हैं घरौंदे, जो उजड़ जाते हैं,.... मौसम हैं परिन्दे, जो उड़ जाते हैं,.... क्यूं बुलाते हो, खड़े होकर बहते हुए पानी में उसे...
hum sab kabeer hain: टूटा मन
भूली-बिसरी यादें : तकदीर के मारे: तूफां से डरकर लहरों के बीच सकारे कहाँ जाएँ, इस जहाँ में भटककर तकदीर के मारे कहाँ जाएँ ।...
डॉ. हीरालाल प्रजापति: 43. ग़ज़ल : पूनम का चाँद...................
परिकल्पना: उत्थिष्ठ भारत
स्वप्न मेरे...........: वो एक लम्हा ...
फूल | भूली-बिसरी यादें
स्वप्न मेरे...........: माँ ... एक रूप
मेरी धरोहर: लौटकर कब आते हैं???????.........प्रीति सुराना: सपने हैं घरौंदे, जो उजड़ जाते हैं,.... मौसम हैं परिन्दे, जो उड़ जाते हैं,.... क्यूं बुलाते हो, खड़े होकर बहते हुए पानी में उसे...
hum sab kabeer hain: टूटा मन
भूली-बिसरी यादें : तकदीर के मारे: तूफां से डरकर लहरों के बीच सकारे कहाँ जाएँ, इस जहाँ में भटककर तकदीर के मारे कहाँ जाएँ ।...
डॉ. हीरालाल प्रजापति: 43. ग़ज़ल : पूनम का चाँद...................
परिकल्पना: उत्थिष्ठ भारत
स्वप्न मेरे...........: वो एक लम्हा ...
फूल | भूली-बिसरी यादें