प्रमोद बेड़िया
इस गली के आख़िरी में एक घर टूटा हुआ
जैसे बच्चे का खिलौना हो कोई टूटा हुआ ।
उसने मुझको कल कहा था आप आकर देखिए
रहे सलामत आपका घर मेरा घर टूटा हुआ ।
आप उसको देख कर साबित नहीं रह पाएँगे ,
रोता कलपता सर पटकता मेरा घर टूटा हुआ ।
ज़िंदगी भर जो कमाई की वो सारी गिर गई
कल के तूफ़ाँ में बचा है मेरा घर टूटा हुआ।
आपके स्नानघर के बराबर ही सही
अब तो वह भी ना बचा है मेरा घर टूटा हुआ।
नौ जने हम सारे रहते थे उसीमें यों जनाब
ज्यों कबूतर पींजड़े में मेरा घर टूटा हुआ ।
आप कम से कम यही कि देखते वो मेरा घर
इस गली के आख़िरी में मेरा घर टूटा हुआ ।