Saturday 15 June 2013

मन के भाव

सभी मित्रों को नमस्कार!
वंदना जी की अनुपस्थिति में अपनी पसंद के कुछ लिंक्स लेकर आज मैं आपके समक्ष हाजिर हूं।

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राम चरण डंडे से लगातार अपनी गाय को पीट रहा था और गाय थी कि टस से मस नहीं हो रही थी वो अपनी जगह ही खड़ी थी , उसकी आँखों से आँसू बह रहे ...
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रूप कितने-रंग कितने। बादलों के ढंग कितने।।   कहीं चाँदी सी चमक है, कहीं पर श्यामल बने हैं। कहीं पर छितराये से हैं, कहीं पर ...


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वह आया /   अपने संग ... उसे भी ...  लाया ।  अपने विशाल , बाजुओं में समेटे ... आसमान से चौड़े ..  सीने से लपेटे ।  जिसके लिए / ...

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 " कविता कुछ के लिए कथा है कविता कुछ के लिए प्रथा है कविता मेरे लिए व्यथा है वारिश में भींगे कुछ लावारिश से शब्द हमारी सिसकी हैं , ...

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सारा जीवन गंवा दिया है प्रश्नों के उत्तर देने में, बैठें भूल सभी बंधन को, कुछ प्रश्न अनुत्तरित रहने दें. सूरज पाने की चाहत में...

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“आईओनरोड ऑगमेंटेड ड्राइविंग” नामक एप्लीकेशन सफ़र के दोरान आपको बहुत मदद कर सकती हे ! ड्राइविंग सुरु करते ही एप्लीकेशन अपने आप सुरु हो जात...

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पापा अब  केवल बातें करते हैं सपनों में-------           
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अब आज्ञा दीजिए!

केदार के मुहल्ले में स्थित केदारसभगार में केदार सम्मान

हमारी पीढ़ी में सबसे अधिक लम्बी कविताएँ सुधीर सक्सेना ने लिखीं - स्वप्निल श्रीवास्तव  सुधीर सक्सेना का गद्य-पद्य उनके अनुभव की व्यापकता को व्...