Monday 3 June 2013

परिचय : सरिता भाटिया


नाम : सरिता भाटिया

जन्म : 6-मार्च  क़ादिया [जिला गुरदासपुर,पंजाब]
शिक्षा : सेकंडरी ...वेद कौर कन्या विद्यालय ,कादिया
बी.एस.सी...बैरिंग यूनियन क्रिश्चियन कालेज ,बटाला
बी.एड.........डी.ए.वी.कालेज फार विमिन,अमृतसर

पिता का नाम : स्वर्गीय श्री जनक राज भाटिया
माता का नाम : श्रीमती राज भाटिया

सेवा : प्रधानाचार्य...पैराडाइज़ पब्लिक स्कूल, उत्तम नगर,नई दिल्ली.
मैनेजर.... भाटिया कॉलेज, उत्तम नगर,नई दिल्ली.

लेखन : अंजुम मासिक पत्रिका,श्री गंगानगर,राजस्थान में हर माह रचना छपती है
* 'सृजक' मोतिहारी बिहार त्रैमासिक पत्रिका में रचनाएँ
* 'नव्या' सुरेंदरनगर,गुजरात में रचना
* 'नव्या ' इ मैगज़ीन में रचनाएँ
* 'सक्षम' मासिक पत्रिका गुड़गाव, में रचना
* 'पंचमहल उजागर' साप्ताहिक गोधरा, गुजरात. में रचनाएँ
* 'मानस वंदन' मासिक पत्रिका,उज्जैन,में रचनाएँ
* 'राज एक्सप्रेस' दैनिक समाचार पत्र,भोपाल में रचनाएँ


ब्लॉग : गुजारिश


मैं हूँ सरिता........ 
 
सरिता मेरा नाम है ,
चलते रहना मेरा काम है! 
 
रोके से ना रुक पाती,
साथ बहा कर ले जाती! 
 
मुझे राह बनानी आती है,
मुश्किलें तो मेरी साथी हैं! 
 
बादलों से पानी पाती हूँ,
सागर में समा जाती हूँ ! 
 
सागर में खो जाना भाता है,
मुझे साथ निभाना आता है! 
 
अगर कहीं रुक जायूँ मैं,
फिर दामिनी बन जायूँ!मै! 
 
भावों से ना खाली हूँ,
असूरों के लिए काली हूँ! 
 
जब दुश्मन सामने पाती हूँ,
मैं दुर्गा बनकर आती हूँ!!
 

पढने लिखने का बचपन से ही शौक था , B.Ed करने के बाद 1987 में सीधा दिल्ली आ गई क्योंकि यहाँ पिता जी ने स्कूल खोल दिया था उसमें पूरी लग्न के साथ लग गई .7 दिसम्बर ,1989 को श्री यशपाल जी से शादी हो गई .फिर से शुरू हुआ पढाई लिखाई का सिलसिला भाटिया कालेज में समय कैसे पंख लगा कर उड़ने लगा पता ही नहीं चला | मन में बहुत ख्याल उडान भरते पर समय ही नहीं मिलता उनको कागज पर उतारने का ,फिर एक दिन बेटे ने फेसबुक से रूबरू करवाया 22 दिसम्बर,2009 को ,ताकि मैं अपने भाई भाभी से बातें कर सकूँ ,नए नए दोस्त मिले ,दोस्तों ने बहुत कुछ सिखाया बस यहीं से शुरु हुआ लिखने का सिलसिला शुरू ,दोस्तों ने बहुत उत्साह बढाया ,फिर एक दिन अपर्णा खरे के ब्लॉग पर पहुँच गई उनकी कोई पोस्ट पढ़ते पढ़ते ,तब अपना नया ब्लॉग बना लिया फरवरी,2012 में ,धीरे धीरे इसके बारे में समझती रही और लगी रही इस दौरान फेसबुक से थोडा दूर हो गई ,फिर कुछ समझ नहीं आया जब तब पोस्ट डालनी बंद कर दी ब्लॉग पर ,दोबारा से दोस्तों ने उत्साह बढाया तो आज अपने तीन ब्लॉग के साथ आपके सामने हूँ ,चौथे की तैयारी में हूँ ,क्योंकि 
 
अभी जो भरनी है वोह उडान बाकी है
अभी जो छूना है वो आसमान बाकी है
अभी तो नापे हैं मुठ्ठी भर सपने
अभी तो सामने सारा जहान बाकी है



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पिता दिवस को समर्पित रचनाएँ 
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सभी दोस्तों से गुज़ारिश है कि वो 'पिता दिवस'पर  समर्पित स्वरचित रचनाएँ  हमें प्रेषित करें रचनाएँ 10 से 12 पंक्तिओं की होनी चाहिए प्राप्त सभी रचनाएँ ब्लॉग पर प्रकाशित की जाएंगी सर्वश्रेष्ठ 3 या 4 रचनाओं को  'अंजुम पत्रिका' के जुलाई अंक में एवं 'निर्झर टाइम्स' साप्ताहिक में प्रकाशित किया जाएगा एवं ब्लॉग प्रसारण के विशेष रचना कोना में स्थान दिया जाएगा रचनाओं का चयन वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा किया जाएगारचनाएँ भेजने की अंतिम तिथि 14 जून,2013 है.   

रचनाएँ निम्न ईमेल पर प्रेषित करें saru.bhatia66@gmail.com

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