Wednesday 18 September 2013

पतवार

सभी मित्रों को मेरा नमस्कार!
आप सब के लिए कुछ चुनिन्दा लिंक्स लेकर आज उपस्थित हूँ. तो, आइये सीधे चलते हैं लिंक्स पर-

भाग्य विधाता भारत की, पतवार भारती हिन्दी है। 
 अंचल अंचल की उन्नति का, द्वार भारती हिन्दी है।...


माँ सम हिन्दी भारती, आँचल में भर प्यार। 
चली विजय-रथ वाहिनी, सात समंदर पार।   
सकल भाव इस ह्रदय के, हिन्दी पर कुर...


वो बार- बार घड़ी देखती और बेचैनी से दरवाजे  की तरफ देखने लगती| ५ बजे ही आ जाना था उसे अभी तक नही आया, कोचिंग के टीचर को भी फोन कर चुकी...


डा0 जगदीश व्योम 
राजा मूँछ मरोड़ रहा है 
सिसक रही हिरनी 
बड़े-बड़े सींगों वाला मृग 
राजा ने मारा 
किसकी यहाँ मजाल 
कहे राजा को...




देवों में जो पूज्य प्रथम है, शीघ्र सँवारे सबके काम। 
मंगल मूरत गणपति देवा, है वो पावन प्यारा नाम।...

अब आज्ञा दीजिये!
नमस्कार!

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