गणतंत्र दिवस की आप सबको ढेरों बधाई!
भाई अभय की दो रचनायें इस गणतंत्र के जनों को सप्रेम भेंट की जा रही हैं।
तस्वीर ये बदलनी है आवाज़ करो.
हुंकार है, देश अब आज़ाद करो.
मालिक हैं मुख़्तार हैं
फिर भी क्यों लाचार हैं?
विवेक रंजन श्रीवास्तव -विभूति फीचर्स एक अक्टूबर को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाती है। यह परंपरा सन् 1...
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