ISSN

ISSN : 2349-7122

Saturday, 26 January 2013

गणतंत्र की क्रांति


गणतंत्र दिवस की आप सबको ढेरों बधाई!
 भाई अभय की दो रचनायें इस गणतंत्र के जनों को सप्रेम भेंट की जा रही हैं।

तस्वीर ये बदलनी है आवाज़ करो.
हुंकार है, देश अब आज़ाद करो.

मालिक हैं मुख़्तार हैं
फिर भी क्यों लाचार हैं?

No comments:

Post a Comment

अपनों का साथ और सरकार के संबल से संवरते वरिष्ठ नागरिक

  विवेक रंजन श्रीवास्तव -विभूति फीचर्स             एक अक्टूबर को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाती है। यह परंपरा सन् 1...