जयशंकर
प्रसाद
जन्म:
30 जनवरी 1889
निधन:
14 जनवरी 1937
जन्म
स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ
प्रमुख कृतियाँ: कामायनी, आँसू, कानन-कुसुम, प्रेम
पथिक, झरना, लहर
अरुण
यह मधुमय देश
अरुण
यह मधुमय देश हमारा।
जहाँ
पहुँच अनजान क्षितिज को
मिलता
एक सहारा।
सरस
तामरस गर्भ विभा पर
नाच
रही तरुशिखा मनोहर।
छिटका
जीवन हरियाली पर
मंगल
कुंकुम सारा।।
लघु
सुरधनु से पंख पसारे
शीतल
मलय समीर सहारे।
उड़ते
खग जिस ओर मुँह किए
समझ
नीड़ निज प्यारा।।
बरसाती
आँखों के बादल
बनते
जहाँ भरे करुणा जल।
लहरें
टकरातीं अनंत की
पाकर
जहाँ किनारा।।
हेम
कुंभ ले उषा सवेरे
भरती
ढुलकाती सुख मेरे।
मदिर
ऊँघते रहते जब
जग
कर रजनी भर तारा।।
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