Thursday 30 May 2013

बच्चन जी की दो कविताएं

आज परम् वन्दनीय हरिवंश राय बच्चन जी की कविताएं पढ़ रही थी,चाहे जितनी बार पढ़ीं जाएं पर नवीनता कम होती ही नहीं। यही तो विलक्षणता है उस महान साहित्य के पुरोधा में! आपसे से भी साझा करते हैं उनकी दो रचनाएं- राजभाषा हिंदी: यह पपीहे की रटन हैराजभाषा हिंदी: उस पार न जाने क्या होगा!…. हरिवंश राय बच्चनसादर

केदार के मुहल्ले में स्थित केदारसभगार में केदार सम्मान

हमारी पीढ़ी में सबसे अधिक लम्बी कविताएँ सुधीर सक्सेना ने लिखीं - स्वप्निल श्रीवास्तव  सुधीर सक्सेना का गद्य-पद्य उनके अनुभव की व्यापकता को व्...