Monday 26 November 2012

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है



सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है



-  Ram Prasad Bismil


सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,

देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है 
करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है 
रहबर राहे मौहब्बत रह  जाना राह में
लज्जत--सेहरा नवर्दी दूरिये-मंजिल में है 
यों खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना--शहादत भी किसी के दिल में है 
 शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार

अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है 
वक्त आने दे बता देंगे तुझे  आसमां,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है 
खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मींद,
आशिकों का जमघट आज कूंचे--कातिल में है 
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है 
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रहबर - Guide

लज्जत - tasteful
नवर्दी - Battle
मौकतल - Place Where Executions Take Place, Place of Killing
मिल्लत - Nation, faith

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